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रविवार, 24 नवंबर 2013

उनकी याद..










उनकी याद सता रही है 
वर्षो बाद ओ फिर याद आ रही है 
दूर था बहुत उनसे 
उनकी सपने सता रही है 
बीते लम्हो कि एक झलक 
मन को तड़पा रही है
उनकी याद सता रही है 
साँझ ढली सुबह का इंतजार है 
लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल '

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