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रविवार, 31 जुलाई 2011

हे प्रभु अब लौट आओ ! ......


हे प्रभु अब लौट आओ ,
प्रेम की दयानिधि 

ज्ञान के विधाता ,
मनुष्य के उद्धार करता 

अब प्रगट हो जाओ ,
सच और झूठ की 


पोल खोल दो ,
भाई को भाई से मिला दो 

जाती -भेद को हटा दो ,
धर्म -कर्म बता दो 

साहिल को रूप दिखा दो ,
हे प्रभु अब लौट आओ 

संकट से बचा लो ,
कुर्सी की लड़ाई समझा दो 

कानून की काली पट्टी हटा दो ,
तलवार के जगह फुल थमा दो 

सुने हर गोद में औलाद थमा दो ,
बेटा -बेटी के भेद को मिटा दो 












अब तो "साहिल " को गले लगा लो ,
हे प्रभु अब लौट आओ .............

लक्ष्मी नारायण लहरे  "साहिल "
 कोसीर ... ग्रामीण मित्र !

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